मंत्री पद से प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में सियासी पारा हाई हो गया है। प्रेमचंद अग्रवाल ने देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफे का एलान किया। इस दौरान प्रेमचंद अग्रवाल काफी भावुक दिखे। इस्तीफे के ऐलान के बाद वे सीएम धामी से मिलने पहुंचे। उन्होंने सीएम धामी को इस्तीफा सौंपा। प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद विपक्ष की भी प्रतिक्रिया आई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि जनमत के आगे सत्ता के अहंकार को झुकना पड़ा। जो लोग इस अहंकार को प्रश्रय दे रहे थे, चाहे उस अहंकार को पहाड़ी मैदानी का रूप दे रहे लोगों को क्षमा मांगनी चाहिए. हरीश रावत ने आगे कहा कि अहंकार का नतीजा सामने आ गया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट समेत कुछ और लोगों के अहंकार भी है जिनका जवाब उत्तराखंड उन्हें देगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि इस विषय पर सभी ने मिलकर लगाई लड़ी है। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि यह प्रदेशवासियों व उनके स्वाभिमान की जीत है। बेरोजगार संघ के बाबी पंवार ने कहा प्रेमचंद अग्रवाल ने जिस तरीके से विधानसभा जैसे पवित्र स्थल पर पहाड़ के स्वाभिमान को ललकारा गया था उससे उत्तराखंड की जनता काफी आहत हुई। नैतिकता के आधार पर उस व्यक्ति को उसी दिन इस्तीफा देना चाहिए देना चाहिए था।बता दे, प्रेमचंद अग्रवाल प्रदेश की राजनीति का एक अहम हिस्सा रहे हैं। वह विधानसभा अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। कुल मिलाकर वह चार बार के विधायक रहे हैं। अभी वह ऋषिकेश विधानसभा सीट से विधायक हैं। विधानसभा में ‘पहाड़-मैदान’ को लेकर ‘अभद्र टिप्पणी’ करने के कारण पिछले तीन सप्ताह से विरोध का सामना कर रहे संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने रविवार को पद से इस्तीफा दे दिया।