उत्तराखण्ड में 10 जून को दो विधानसभा बदरीनाथ और मंगलौर सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग थी । बद्रीनाथ सीट पर तो चुनाव शांति से निपटा । लेकिन मंगलौर सीट पर कांग्रेस के वरिष्ट नेताओं ने कुछ गंभीर आरोप रुड़की पुलिस पर लगाए हैं । सोशल मीडिया में एक विडियो साझा करते हुए कांग्रेस के प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने आरोप लगाए कि लिब्बरहेड़ी में बूथ संख्या 53-54 पर अल्पसंख्यक वोटरों पर गोली चलाई गई है और उनको वोट डालने नहीं दिया जा रहा है । अपने इस वीडियो में वो कुछ घायल लोगों के साथ थे जिन्हें वो अपनी गाड़ी में अस्पताल ले जा रहे थे । इस वीडियो में काजी ने आरोप लगाया कि कुछ असमाजिक तत्वों ने पोलिंग बूथ पर गोली चलाई जिसमें वोट डालने आए कुछ लोग घायल हो गए । उन्होने पुलिस को घेरते हुए कहा कि घायलों को अस्पताल ले जाने के बजाए पुलिस तमाशबीन बनी रही ।
इस घटना के बाद कांग्रेस के सभी बड़े नेता जिसमें प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ,नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य पूर्व सी एम हरीश रावत और साहरनपुर से सांसद इमरान मसूद इलाके के पुलिस अधिकारी के दफ्तर में गोली चलाने वालों पर कार्रवाही की मांग को लेकर डटे रहे । हालांकि हरिद्वार के एस.पी देहात स्वप्न किशोर ने गोली चलने जैसी घटना से इन्कार कर दिया है ।
इन सब के बावजूद कई वीडियो इस समय सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं । कई विडियो खुद कांग्रेस प्रत्याशी काज़ी निजामुद्दीन ने शेयर किए हैं । एक विडियो में एक पुलिस वाले को एक बुर्खा पहने महिला को फर्जी वोट डालने का आरोप लगाते हुए पोलिंग बूथ से बाहर भेजता देखा जा सकता है । इसी वीडियो में एक पुरुष वोटर से उसकी वोटिंग स्लिप हाथ से छीनते हुए धक्का मार के गिराकर और भद्दी गाँलियाँ देते हुए वही पुलिस वाला नजर आ रहा है और वोटर पर फर्जी वोट डालने के आरोप लगा रहा है । जिसके बाद ये पुलिस वाला वहाँ खड़े कुछ वोटरों को पोलिंग बूथ से खदेड़ देता है।
इन वीडियो के वायरल होने के बाद बेहद गंभीर आरोप पुलिस पर लग रहे हैं । इस विडियो के आने के बाद कुछ सवाल भी उठ रहे है । मसलन जिन वोटरों पर फर्जी वोट डालने के आरोप लगे हैं उन्हे फर्जी पुलिस ने घोषित किया है या फिर चुनावी ड्यूटी पर लगे अधिकारियों ने । और पुलिस ने फर्जी घोषित किया है तो कैसे , क्योंकि जिस महिला को फर्जी वोटर कहकर वापस भेजा गया है वो तो बुर्के में है ।
साथ ही धक्का मुक्की की जरुरत नहीं थी मामले को संयम से नियंत्रित किया जा सकता था ।
एक दूसरा विडियो जिसमें लोग अपनी जान बचाते ,भागते हुए देखे जा सकते है । ये लोग गोली चलने की बात कर रहे हैं । और गोली चलने जैसी आवाजें इस वीडियो में सुनाई भी दे रही हैं । हालांकि इसी पुष्टि जांच के बाद ही की जा सकती है । बताया जा रहा कि ये मंगलौर के लिब्बरहेड़ी में बूथ संख्या 53-54 के पास का वीडियो है । हालांकि पुलिस ने साफ किया है कि गोली चलने की कोई घटना नहीं हुई बस दो अलग अलग पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी ।
बद्रीनाथ और मंगलौर सीट में वोटिंग प्रतिशत 2022 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले काफी कम रहा मंगलौर में 68.24 प्रतिशत और बदरीनाथ में 51.43 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया । 2022 के विधानसभा चुनाव में मंगलौर में 75.95 प्रतिशत और बदरीनाथ में 65.65 प्रतिशत मतदान हुआ था। बद्रीनाथ विधानसभा में जानकारों का मानना है कि भारी बारिश की वजह से कई जगह सडकें और पुल टूटे हैं इसलिए विधानसभा में मतदान प्रतिशत गिर गया । लेकिन मंगलौर में तो ऐसे कोई हालात नहीं थे । तो क्या हिंसा और पुलिसिया बल प्रयोग के वीडियो सुबह से ही सोशल मीडिया में वायरल होने के चलते मंगलौर विधानसभा में वोटिंग प्रतिशत तो कम नहीं हुआ है । क्योंकि वोटर के फोन पर जब ये तस्वीरें पहुँची होंगी तो डर के कारण उसने पोलिंग बूथ का रुख ना किया हो ,इसकी संभावनाऐं भी हैं ।
हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा महरा दौसानी का कहना है कि गोलियाँ चलने के बावजूद हरिद्वार का वोटर बाहर से लाए गए गुंडों से डरा नहीं और उसने बड़ी संख्या में वोट किया ।
ये सारी संभावनाऐं ही हैं ,ऐसे में इन विडियो की जांच किया जाना बेहद जरुरी है । निर्वाचन आयोग को इन वीडियो की जांच करनी चाहिए और ये पता लगाना चाहिए कि क्या ये वायरल विडियो मंगलौर विधानसभा में कम वोटिंग का कारण तो नहीं बने ।
इसके साथ ही पुलिस को भी इन विडियो की जांच करनी चाहिए क्योंकि ये वीडियो उत्तराखण्ड की मित्र पुलिस की वर्दी पर कई दाग छोड़ रहे हैं। उनकी छवी खराब की जा रही है । इसलिए बेहतर ये होगा कि अगर ये विडियो फर्जी हैं तो इनको फैलाने वालो पर एक्शन पुलिस ले । और अगर ये सही है तो अपने महकमे के पुलिस जवानों को पुलिस ट्रैनिंग पर वापस भेजे ।