हाल ही में बदरीनाथ धाम में वोटरों की नाराज़गी से भाजपा को उपचुनाव में करारी शिकस्त मिली और अब केदरानाथ धाम से सरकार और मुख्यमंत्री धामी के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर हो रहे है । केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित धरना प्रदर्शन कर रहे हैं , मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के खिलाफ नारों से केदारपुरी गूंज रही है ।
इसकी वजह है सी एम धामी का एक ऐसे कार्यक्रम में शिरकत करना जहाँ पर केदारनाथ धाम का प्रतिकात्मक मंदिर बनाए जाने के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
दरअसल दिल्ली के बौराड़ी में 10 जुलाई के दिन केदारनाथ धाम नाम के एक ट्रस्ट ने कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें केदरानाथ धाम की तर्ज पर दिल्ली में बन रहे मंदिर के लिए चयनित भूमि का पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया था । इस कार्यक्रम में सी एम पुष्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथी पहुँचे थे ।
जिसके बाद केदारघाटी में तीर्थ पुरोहितों में भारी आक्रोश है । उनका कहना है कि सीधे सीधे उनकी पूजा पद्धति और परंपराओं से छेड़छाड़ है । उनका कहना है कि शिव मंदिर बनाया जा सकता है लेकिन केदारनाथ मंदिर सिर्फ एक ही है ।
केदारनाथ धाम के पुरोहित संतोष त्रिवेदी का कहना है कि “केदारनाथ मंदिर के नाम से कोई और मंदिर बनाना हक हकूकधारियों की पहचान पर भी हमला है ,सरकार भटके नहीं अपना ध्यान पौराणिक परंपराओं पर ही रखे “
वहीं इस मामले में केदार सभा,होटल एसोसिएशन और चार धाम महापंचायत ने भी इस मामले में अपना विरोध जताया है ।
इस विरोध में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है । 14 जुलाई को रुद्रप्रयाग जिले में उखीमठ ब्लॉक के औंकारेशवर मंदिर में कांग्रेस के गढवाल सीट से सांसद प्रत्याशी रहे गणेश गौदियाल ,पूर्व विधायक मनोज रावत और जिलाध्यक्ष कुँवर सजवाण ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया ।
गणेश गौदियाल ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि “ मुख्यमंत्री को अपनी भूल के लिए माफी माँगनी चाहिए वो केदारनाथ धाम के नाम से बने इस ट्रस्ट का नाम बदलवाऐं । उन्होने कहा वो सरकार की सदबुद्धी के लिए ओंकारेशवर मंदिर में याचना करने आए हैं । “
वहीं केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा “बदरी केदार मंदिर समिति किसी भी कार्रवाही के लिए सक्षम है और समिति इस ट्रस्ट को नोटिस दे कि वो अपने ट्रस्ट का नाम केदारनाथ के नाम पर कैसे रख सकते है । “
वहीं इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बयान जारी करते हुए कहा कि
“वर्ष 2015 में मुंबई में भगवान बद्रीनाथ जी के मंदिर का निर्माण किया गया, जिसका शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथों हुआ था।
उन्होने स्पष्टिकरण देते हुए कहा कि “दिल्ली में जो केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, वह एक निजी ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। उस ट्रस्ट का नाम भी श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ धाम नहीं बल्कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।“
इस कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद पुष्कर सिंह धामी और भाजपा बुरी तरह फंस गए है । दरअसल केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत की मृत्यु के बाद अगले 6 महीने के भीतर इस सीट पर उपचुनाव होने हैं । ऐसे में ये मुद्दा भाजपा के लिए सरदर्द बन सकता है । क्योंकि बदरीनाथ धाम में हार के बाद केदारनाथ धाम में अपनी नाक और साथ बचाना बेहद जरुरी है ।