उत्तराखंड में अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है। दो दिन पूर्व उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले में मदरसों को सील किया गया था। वहीं 22 मार्च को लक्सर तहसील के मखियाली कला और मखियाली खुर्द में लक्सर तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान ने पुलिस टीम के साथ अवैध रूप से संचालित दो मदरसे सील किए। अब तक पूरे प्रदेश में 136 मदरसों को कागजात पूरे न होने पर सील किया जा चुका है जबकि, रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में 500 से अधिक अवैध मदरसे संचालित हो रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इन मदरसों को संचालित करने और कर्मियों के वेतन के लिए पैसा कहां से आ रहा है? क्या इसके पीछे धर्म की आड़ में कोई सुनियोजित साजिश तो नहीं?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अवैध मदरसों को मिलने वाले धन के स्रोत की पूरी जांच की जाए और रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी जाए। सरकार को संदेह है कि इन मदरसों को हवाला या दूसरे देशों से फंडिंग मिल रही है, जिसे लेकर व्यापक जांच की तैयारी की जा रही है। राज्य में करीब 450 मदरसे पंजीकृत हैं, जो शासन को अपने दस्तावेज और आर्थिक गतिविधियों का पूरा ब्यौरा देते हैं। लेकिन दूसरी ओर, 500 से अधिक मदरसे बिना किसी मान्यता के संचालित हो रहे हैं। इन अवैध मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का सत्यापन और आर्थिक स्रोतों की जांच की जाएगी। कमेटी यह भी सुनिश्चित करेगी कि इन मदरसों को किस स्रोत से फंड मिल रहा है और इसका उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जा रहा है।