हल्द्वानी: सेना जहां सीमा पर देश की रक्षा में मोर्चा संभाले हुए हैं। वहीं, कई बार सेना के जवान अलग-अलग मौकों पर देवूदत बनकर सामने खड़े हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला आज हल्द्वानी में सामने आया है। CISF के असिस्टेंड कमांडेट ने 55 लोगों को मौत के मुंह से बचा लिया। यह घटना 19 जून की है। हल्द्वानी से दिल्ली जा रही रोडवेज बस का चालक संदिग्ध हालात में बेहोश हो गया। इससे बस अनियंत्रित होकर टांडा जंगल रोड पर 100 की स्पीड में दौड़ने लगी। बस सवार 55 से अधिक यात्रियों में चीख-पुकार करने लगे।
गनीमत रही कि बस में CISF के असिस्टेंट कमांडेंट भी सवार थे। जिन्होंने सतर्कता बरतते हुए तत्काल चालक को स्टेयरिंग से हटाया और बस को सड़क किनारे लगाकर ब्रेक मार कर रोक दिया। जिसके बाद बस में सवार लोगों ने राहत की सांस ली। यात्रियों का आरोप है कि बस चालक और कंडक्टर दोनों नशे में थे। पुलिस ने चालक पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही बस को भी कब्जे में ले लिया है।
रोडवेज बस UK-04-PA-1928 में सवार यात्रियों के मुताबिक सोमवार दोपहर बस हल्द्वानी रोडवेज स्टेशन से दिल्ली के लिए निकली थी। 55 सीटर बस में 55 से अधिक सवारी थी। हल्द्वानी में ही बस चालक ने एक दुकान के पास बस रोकी और कुछ सामान लिया। जिसके बाद हल्द्वानी से बस रुद्रपुर की ओर आ गई। टांडा जंगल में नैनीताल रोड पर अचानक बस अनियंत्रित हो गई और 100 की स्पीड से दौड़ने लगी।
बस चालक स्टेयरिंग पर ही बेहोश हो गया। इससे बस टांडा जंगल नैनीताल रोड पर अनियंत्रित हो गई। चालक के स्टेयरिंग पर लेट जाने और तेज रफ्तार अनियंत्रित बस में सवार यात्रियों के होश उड़ गए। बस में चीख पुकार मचनी शुरू हो गई। यह देख बस में सवार असिस्टेंट कमांडेंट CISF सोनू शर्मा अपनी सीट से उठे और चालक की सीट तक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कंडक्टर और अन्य यात्रियों की मदद से पहले चालक को सीट से हटाया।
इसके बाद असिस्टेंट कमांडेंट ने खुद चालक की सीट संभाली और बस को कंट्रोल कर सड़क किनारे रोक दिया। सूचना पर उत्तराखंड रोडवेज के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। लोगों ने चालक और कंडक्टर का मेडिकल कराने की मांग की। जिस पर पंतनगर थाना पुलिस ने यात्रियों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद मौके पर पहुंची रोडवेज की दूसरी बस से यात्री दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
CISF के असिस्टेंट कमांडेंट ने बस को संजय वन के पास सड़क किनारे पार्क किया। जिसके बाद बस के कंडक्टर ने मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए दूसरी बस या चालक की व्यवस्था किए जाने के लिए संपर्क किया। करीब एक घंटे तक बस में सवार यात्री संजय वन के पास खड़े रहे। उनका कहना था कि कई बार काल करने के बाद भी न तो रोडवेज से कोई आया और न ही पुलिस ही पहुंची। काफी देर बाद उत्तराखंड रोडवेज के अधिकारी, कर्मचारियों के साथ ही पुलिस भी मौके पर पहुंची। वहीं दूसरी बस से यात्री दिल्ली के लिए रवाना हो गए।