देहरादून, 30 मार्च 2025 – उत्तराखंड आई.ए.एस. एसोसिएशन की एक अहम बैठक आज एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित कथनों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें एसोसिएशन के सदस्यों की गरिमा और आत्मसम्मान से जुड़ी चिंताओं को लेकर चर्चा हुई।
बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें यह कहा गया कि एसोसिएशन के सदस्य भी आम नागरिकों की भांति आत्मसम्मान और गरिमा के अधिकार रखते हैं। किसी भी व्यक्ति, संस्था या संगठन को ऐसे कथनों और संकेतों से बचना चाहिए, जो एसोसिएशन के सदस्यों या उनके परिवार के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाएं। इससे न केवल उनके मनोबल पर असर पड़ता है, बल्कि उनकी कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
एसोसिएशन ने यह भी स्पष्ट किया कि इसके सदस्य लोक सेवक के रूप में निर्वाचित सरकारों की नीतियों को संवैधानिक दायरे में प्रभावी रूप से लागू करने का कार्य करते हैं। प्रशासनिक मशीनरी की स्थिरता और तटस्थता बनाए रखना उनका मूल स्वभाव है।
इसके अलावा, एसोसिएशन ने कहा कि वह आलोचना, असहमति और निंदा को आत्मसुधार के अवसर के रूप में लेता है। रचनात्मक आलोचना नीतियों को बेहतर बनाने में सहायक होती है, लेकिन यदि कहीं त्रुटियां परिलक्षित होती हैं, तो उनके निराकरण के लिए नियमानुसार प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।
अतः एसोसिएशन ने समाज के सभी पक्षों से अपील की है कि वे एसोसिएशन एवं उसके सदस्यों की गरिमा और आत्मसम्मान को बनाए रखने हेतु सम्मानजनक व्यवहार करें।
इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव उत्तराखंड को ज्ञापन के रूप में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया है, साथ ही इसे मीडिया से भी साझा किया गया है।