पूरी दुनिया में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिवस शिक्षा-प्रशिक्षण, रोजगार, वेतन-मानदेय, राजनीति, विज्ञान सहित अन्य सेक्टरों में महिलाओं की बराबरी के लिए आवाज बुलंद करने का दिन है। महिलाओं के विकास और बराबरी के रास्ते में आने वाली चुनौतियों को अवसरों में बदलकर सभी के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए एकजुट होने का समय है। आज के समय में महिलाओं को शिक्षा, रोजगार, मेहनाताना में बराबरी का हक नहीं मिल पाया है। राजनीति में आज ज्यादातर जगहों पर महिलाओं को मिले अधिकारों का उपयोग उनके बेटे, पति व अन्य रिश्तेदार प्रतिनिधि के रूप में करते हैं। यही नहीं उनके लिए उपलब्ध सुविधाओं का उपभोग करते हैं। बता दें कि क्लारा जेटकिन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद रखी। ऐसी बुनियाद जिसने दुनियाभर में महिलाओं के हक की लड़ाई को तेज किया। अपनी आवाज को उठाने के ताकत दी। नतीजा, महिलाएं अधिकारों के लिए मुखर होने लगीं। रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ते हुए खुद को साबित करने लगीं।
को ही क्यों मनाते हैं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस?
महिला दिवस मनाने के लिए 8 मार्च का दिन चुनने की एक खास वजह है। दरअसल अमेरिका में काम करने वाली महिलाओं ने 8 मार्च को अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन छेड़ा था। सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में वर्कर्स को सम्मान देने के मकसद से ये दिन चुना था। वहीं रूसी महिलाओं ने महिला दिवस मनाते हुए पहले विश्व युद्ध का विरोध किया था। रूख की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस को लेकर 1917 में हड़ताल की थी। यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस एक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थीं। इस वजह से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई। बाद में 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दे दी।
महिला दिवस 2024 की थीम
हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को एक थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। साल 2024 में इस दिन को Inspire Inclusion (एक ऐसी दुनिया,जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले) थीम के साथ मनाया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व
महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान देने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना इस दिन को मनाने का मकसद है। महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए इस दिन का काफी महत्व है।